Monday, December 20, 2010
Wednesday, September 29, 2010
अयोध्या विवाद पर मेरी एक छोटी सी कविता
ये मंदिर किसलिए ,ये मस्जिद किसलिए
Monday, September 27, 2010
लम्बे समय बाद रंगमंच पर मै ...
जेसे पंछी उडी जहाज को फिर जहाज पर आवे उसी तरह लम्बे अन्तराल के बाद आज फिर मैंने रंग-मंच पर दोबारा कदम रखा ,सब कुछ पुराने दिनों की तरह से ही है वो मेकअप ,कॉस्टयूम ,लाइट,सेट और फिर तालियों की गडगडाहट ...सच-मुच कुछ अलग है ये दुनिया ....और मैंने इसे बड़ा मिस किया.
Sunday, September 5, 2010
कई साल पहले

किसी ने कुछ उलटी-सीढ़ी ,आड़ी-तिरछी रेख़वों के नाम बताये
फिर उन आकृतिओं मे खुद को पहचानने की कला सिखाई
मै बड़ा होता गया और उस सख्स का चेहरा भी बदलता गया
साथ साथ उन आकृतिओं की मानी भी
वो सेलेट और चाक से उठ कर कागज पर आ गाए और फिर कंप्यूटर
के पर्दों पर ...
पर उस सख्स और उसके सभी चेहरों मे मेरा भगवान बस गया ....
उस भगवान और उसके सभी रूपों के मेरा सत् -सत् नमन ..
Tuesday, August 31, 2010
रीत से होने लगी है प्रीत

आइ -नेक्स्ट के मूल लिंक हेतु -http://inext.co.in/epaper/inextDefault.aspx?pageno=16&editioncode=14&edate=8/31/2010#
|
Thursday, August 26, 2010
आओ खोलें एक ऐसी दूकान, जहाँ पागलपंथी हो सामान..
आओ खोलें एक ऐसी दूकान,
Wednesday, July 14, 2010
नीद थी तू कहा मै तड़पता रहा

ऐय भिस्ती ज़रा एक बूँद पिला ,
Friday, June 18, 2010

|
Sunday, May 9, 2010
सिर्फ माँ है और कोई नहीं

Monday, April 26, 2010
जितने मे मिलते है सपने ,उतने जेब मे दाम कहाँ

बचपन के यादो मे जीता ,जीवन एक तन्हाई है ,